best price of grafted thar shobha khejri in Rajasthan

Thar Shobha Khejdi, Shami (हाइब्रिड थार शोभा खेजड़ी, शमी)

$100.00

SK नर्सरी हाउस में बीकानेर कृषि अनुसंधान केन्द्र (काजरी) द्वारा विकसित थार शोभा क़्वालिटी की कांटे रहित खेजड़ी तैयार की जाती है। थार शोभा खेजड़ी की विशेषता यह है की यह दो साल बाद सांगरी (फल) देना प्रारंभ कर देती है तथा इसकी ऊंचाई 8 फ़ीट तक होती है। खेजड़ी, शमी के पौधे थोक में खरीदने के लिए संपर्क करें।

पौधा रोपण: वर्षाऋतु में करने से पौधा शीघ्रता से वृद्धि करता है।

फल शुरु: खेजड़ी के फल 2 वर्ष बाद लगने शुरू होते है।

विशेषताएं: बिना कान्टे का पौधा है।

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खेजड़ी' या 'शमी' वृक्ष राजस्थान, गुजरात, हरियाणा एवं अन्य स्थानों में ज्यादातर पाया जाता है। यह वृक्ष दुनिया के विभिन्न देशों में पाया जाता है जहाँ इसके अलग अलग नाम हैं। खेजड़ी या 'शमी' के अन्य नामों में बन्नी ट्री/वन्नी मराम/बन्नी मारा (कर्नाटक), खेजड़ी, जांट/जांटी, सांगरी (राजस्थान), जंड (पंजाबी), कांडी (सिंध), वण्णि (तमिल), शमी, सुमरी (गुजराती), घफ़ (संयुक्त अरब अमीरात) आते हैं। इसका व्यापारिक नाम 'कांडी' है। अंग्रेजी में यह 'प्रोसोपिस सिनेरेरिया' (Prosopis Cineraria) नाम से जाना जाता है। खेजड़ी/शमी का यह पेड़ लगभग सभी तरह की विपरीत परिस्थितियों को सहन करने की क्षमता रखता है। जैसे यह वृक्ष रेगिस्तान के धोरों पर, समतल खेतों में, कंकरीली-पत्थरीली भूमि के साथ ही क्षारीय भूमि (9.5 PH) में भी पाए जाते है।

प्राकृतिक रूप से खेजड़ी वृक्ष खेजड़ी के बीज से ही उगता है। इस प्रकार उगे हुए पेड़ों में फलियाँ (सांगरी) 10-12 वर्ष बाद ही लगती हैं। काँटे भी अधिक होते है, लूँग (चारा) भी कम आता है। राजस्थान में देसी खेजड़ी का पेड़ सबसे बड़ा है। जबकि हाइब्रिड थार शोभा खेजड़ी की लंम्बाई 8 - 10 फ़ीट तक होती है। केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान बीकानेर (काजरी) की रिसर्च से तैयार हाइब्रिड थार शोभा खेजड़ी में रोग प्रतिरोधक क्षमता कई गुना ज्यादा होती है, और इसमें कांटे भी नहीं होते है। हाइब्रिड थार शोभा खेजड़ी में दो साल बाद ही फल लगने शरू हो जाते है। खेजड़ी की हाइब्रिड थार शोभा किस्म के पौधे पर सांगरी पतली आती है जो बाजार में सबसे मेंहगी बिकती है। ग्राफ्टेड थारशोभा खेजड़ी के 5 - 7 साल के पौधे पर 5 से 10 किलोग्राम सांगरी और 10 साल से बड़े पौधे पर 30 से 40 किलोग्राम सांगरी आ जाती है। पूर्ण विकसित पेड़ पर 60 से 100 किलो तक सांगरी का उत्पादन लिया जा सकता है। एक सरकारी बीगा में अधिकतम 120 पौधे लगाये जा सकते है। खेजड़ी की व्यवसायिक खेती लाभदायक होती है। सांगरी अधिक मात्रा में होती है तथा महँगी बिकती है। इसके साथ ही लूंग (पत्तियाँ, चारा) के साथ लकड़ी से भी आमदनी होती है।

खेजड़ी की लकडी मजबूत होती है जो किसान के लिए जलाने और फर्नीचर बनाने के काम आती है। इसकी जड़ से हल बनता है। शमी या खेजड़ी के वृक्ष की लकड़ी यज्ञ की समिधा के लिए पवित्र मानी जाती है। खेजड़ी के पेड़ से भूजल के कारण नमी बनी रहती है। इसे बढ़ने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता नहीं रहती है। खेजड़ी के पेड़ के नीचे अनाज की पैदावार ज्यादा होती है। खेजड़ी के पौधे के बीच में अन्य खेती भी की जा सकती है जैसे - तिल, ग्वार, बाजरा, मिर्च, बैगन, मूंग, मौठ, तरबूज आदि की खेती की जा सकती है। खेजड़ी की जड़ें मिट्टी में उर्वरक का काम करती है। खेजड़ी की जड़ो में वातावरणीय नत्रजन को इकट्ठा करने वाली राइजोबियम बेक्टेरिया होते हैं जिससे वहाँ उगाई गई फसलों की उत्पादकता अधिक व अच्छी होती है।

खेजड़ी' या 'शमी' वृक्ष जेठ (मई - जून) के महीने में भी हरा रहता है। ऐसी गर्मी में जब रेगिस्तान में जानवरों के लिए धूप से बचने का कोई सहारा नहीं होता तब यह पेड़ छाया देता है। जब खाने को कुछ नहीं होता है तब यह चारा देता है, जो लूंग कहलाता है। खेजड़ी का फूल मींझर कहलाता है। इसका फल सांगरी कहलाता है, जिसकी सब्जी बनाई जाती है। यह फल सूखने पर खोखा कहलाता है।

सांगरी राजस्थान का सूखा मेवा है। खेजड़ी की फलियों (सांगरी ) में औसतन 8 प्रतिशत प्रोटीन, 58 प्रतिशत कार्बोहैड्रेड, 28 प्रतिशत रेशा, 2 प्रतिशत वसा, 0.4 प्रतिशत केल्शियम तथा 0.2 प्रतिशत लौह तत्व होता है। पूर्ण रूप से पकी फलियाँ खोखा कहलाती है। जिसमे 8-15 प्रतिशत प्रोटीन, 40-50 प्रतिशत कार्बोहैड्रेड, 9-12 प्रतिशत रेशा, 8-15 प्रतिशत शर्करा होता है। खेजड़ी की परिपक़्व फलियों को बच्चे बड़े चाव से खाते है। पूर्णरूप से सूखे खोखों से पाउडर बना कर पौष्टिकता युक्त बिस्किट भी बनाये जाते है। इसकी पत्तियों में 14 -18 प्रतिशत प्रोटीन, 15 -20 प्रतिशत रेशा तथा 8 प्रतिशत खनिज तत्व पाए जाते हैं।

SK Nursery House में थार शोभा खेजड़ी का व्यवसायिक उत्पादन होता है तथा उचित दर पर थोक में उपलब्ध है।

Hybrid plant nursery in Bikaner
SK Nursery House mainly deals in bulk order of Thar Shobha Khejri in Rajasthan, Gujarat, Haryana, Punjab, U.P and rest of India

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