SK नर्सरी हाउस बीकानेर में अमलतास या गोल्डन शॉवर थोक में उपलब्ध है। यह पौधा कम पानी में तेजी से बढ़ता है। अप्रैल, मई में पूरा पेड़ पीले फूलों के लंबे गुच्छों से भर जाता है। जब ये फूल गिरते है तो सोने की बारिश जैसे लगते है, जो की मनमोहक होते है।
अमलतास एक सजावट वाला पौधा है, जिसको घरो और बगीचों के आस पास शोभा बढ़ाने के लिए लगाया जाता है। गर्मियों के मौसम में पीले फूलो से लदा हुआ बहुत आकर्षक लगता है। भारत में अमलतास वृक्ष प्राय: सब प्रदेशों में मिलते हैं। इसके तने की परिधि लगभग चार मीटर तक हो सकती है। यह वृक्ष ज्यादा ऊँचे नहीं होते है। इस पौधे की ऊंचाई लगभग 20 से 30 फ़ीट होती है, और अलग अलग जलवायु के करना यह लम्बाई और भी ज्यादा बढ़ सकती है।
ग्रीष्मकाल (अप्रैल, मई) में पूरा पेड़ पीले फूलों के लंबे लंबे गुच्छोंसे भर जाता है। इस कारण इसे गोल्डन शॉवर ट्री, और इंडियन रेन इंडिकेटर ट्री भी कहा जाता हैं। शीतकाल में इसमें लगनेवाली, हाथ सवा हाथ लंबी, बेलनाकार काले रंग की फलियाँ पकती हैं। जिनमें लसदार पदार्थ भरा रहता है। वृक्ष की शाखाओं को छीलने से उनमें से भी लाल रस निकलता है जो जमकर गोंद के समान हो जाता है। फलियों से मधुर, गंधयुक्त, पीले कलझवें रंग का उड़नशील तेल मिलता है।
अमलतास को गोल्डन शॉवर ट्री कहा जाता है, क्योकिं इसके पेड़ पर लगे पीले फूल जब गिरते है, तो ऐसा लगता है जैसे की सोने की बारिश हो रही हो। अमलतास को कई नामो से जाना जाता है, इसका वानस्पतिक नाम “कैसिया फिस्टुला” (Cassia Fistula) है, और अंग्रेजी में इसे “गोल्डन शावर ट्री” (Golden Shower Tree) के नाम से जाना जाता है।
अमलतास एक सुंदर पौधा है, साथ ही साथ हमारे शरीर के लिए फायदेमंद भी है। इसके उपयोग का उपयोग आयुर्वेदिक ओषधियाँ बनाने के लिए किया जाता है। अमलतास के फूल, फलियां, और बीज सभी चीजे बीमारी व रोगो के उपचार हेतु काम काम में आती है।
इस पौधे की ज्यादा देखभाल करने की आवश्यकता नहीं होती है। जिस समय पर यह पेड़ छोटा है, उस समय इसको सही तरीके से पानी देते रहे। जब यह बड़ा हो जाए, तो बहुत काम पानी में भी यह बहुत अच्छे से बढ़वार करता है। अमलतास के पेड़ को अच्छे से बढ़ने के लिए जरुरत होती है 6-8 घंटे की धूप की। प्लांट को ऐसी लोकेशन पर लगाये जहां प्लांट को 6-8 घंटे की धूप मिल सकती है।