SK नर्सरी हाउस में ओरिजिनल थाई एप्पल बेर प्लांट्स देशी राजस्थानी बेर से बनाए जाते हैं, इसलिए किसानों के लिए कम देखभाल में ज्यादा फायदा देते है। एप्पल बेर मूल रूप से एक थाई फल किस्म है। इसका स्वाद मीठा होता है।
एप्पल बेर में एक साल बाद फल लगने शरू होते है। एक पौधे पर 20 से 30 किलो ग्राम फल का उज्पादन हो जाता है। धीरे धीरे 100 किलो से भी अधिक उत्पादन शरू हो जाता है। जो साल दर साल बढ़ता रहता है। खाने में सेव जैसा मीठा स्वाद होता है। फलों का वजन लगभग 50-150 ग्राम होता है और यह कुछ हद तक हरे सेब जैसा दिखता है। इस पौधे के कांटे नहीं होते है।
एप्पल बेर में कांटे बहुत कम होते है जो पौधे के बढ़ने पर अपने आप गिर जाते हैं। कांटों नहीं होने से तथा फल के आकार के कारण, फल को तोड़ना, पौधे को काटना, खाद देना, पानी देना आसान है। बाजार में इसके फल की कीमत आम बेरी से ज्यादा है। फलों का उत्पादन और फलों का आकार पौधे की देखभाल पर निर्भर करता है।
थाई एप्पल बेर एक सर्वव्यापी फल है। इसे किसान सेव कहते हैं। राजस्थान में इसकी खेती बहुत ही आसानी से की जा सकती है। इसके फलों को ताजा या सुखाकर खाया जाता है और चाशनी, जैम, मुरब्बा, चटनी, टॉफी, कैंडी और अचार बनाने में इस्तेमाल किया जाता है और सूखा कर छुहारों के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। यह अकेला ऐसा पेड़ है जो लाखों कीड़ों को पालने में काम आता है।
ग्रीनथाई एप्पल बेर को हम पूरी तरह से जैविक विधि पर आधार पर ही तैयार करते है। यह रोगाणु मुक्त किस्म है तथा इसकी विकास दर बहुत अच्छी है। राजस्थान की जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल, यह सूखा प्रतिरोधी पौधा है। विटामिन सी, कैल्शियम, खनिज लवण और फास्फोरस जैसे तत्वों से भरपूर फल होने के कारण सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। बरसात के मौसम में लगाने से पौधा जल्दी बढ़ता है। 6 महीने में फल आने लगते हैं। लेकिन पौधा छोटा होने के कारण फसल नहीं लेनी चाहिए।
शुरुआत में 2 दिन के अंतराल पर पानी देना चाहिए। तीन महीने बाद 5 दिन में एक बार । रोपण 12-12 फीट की दूरी से किया जा सकता है। एक सरकारी बीघा में 120 पौधे लगाए जा सकते हैं। थाई एप्पल के पत्ते, लकड़ी की जड़ें और फल सभी उपयोगी होते हैं। जड़ मिट्टी को अधिक उपजाऊ बनाती है। फल व्यावसायिक उत्पादन के रूप में बहुत अधिक आय देते हैं।
नोट :- हमारे पास थाई एप्पल बेर, कश्मीरी रेड एप्पल बेर, गोला, उमरन आदि बेर की वैरायटी उपलब्ध है।