best price of grafted thar shobha khejri in Rajasthan

जामुन Jamun Tree, Syzygium cumini, Java Plum

$100.00

SK नर्सरी हाउस बीकानेर में हाइब्रिड जामुन होलसेल दर पर मिलता है। इस पेड़ को कई नाम से बुलाया जाता है जैसे मालाबार प्लम, जावा प्लम, ब्लैक प्लम, जामुन, जंबुल आदि। जामुन का पौधा साधारण देखभाल में भी ग्रो करता है।

पौधा रोपण: बारिश के मौसम में जून से अगस्त तक लगाने चाहिए

उपयोग: एक पौधे से 80 से 90 किलो जामुन प्राप्त किया जा सकता है

विशेषताएं: यह फलदार पौधा साधारण सिंचाई में भी ग्रो करता है।

Share on:

जामुन का पौधा संपूर्ण भारत भूमि में पाया जाता है। Syzygium cumini जिसे आमतौर पर मालाबार प्लम, जावा प्लम, ब्लैक प्लम, जामुन, जंबुल, या जंबोलन के रूप में जाना जाता है, फूलों के पौधे परिवार Myrtaceae में एक सदाबहार उष्णकटिबंधीय पेड़ है, और इसके फल, लकड़ी और सजावटी मूल्य के लिए बहुत उपयोगी है।

जामुन के पूर्ण विकसित वृक्ष की लंबाई 20 से 25 फीट से अधिक होती है। जो दिखने में सामान्य वृक्ष की तरह होता है। इसकी खेती के लिए उपजाऊ भूमि की आवश्यकता होती है। जामुन लगाने के लिए जल निकासी वाली दोमट मिट्टी में यह अधिक उपयुक्त होती है। यह पेड़ सदा हरा भरा रहता है। जामुन के पौधे जून से अगस्त तक बरसात के मौसम में लगाए जाने चाहिए। इससे पौधा अच्छी तरह विकसित होता है। क्योंकि बरसात के मौसम में पौधे को विकास के लिए अनुकूल तापमान मिलता है। जबकि इसके पौधों को बीजों के माध्यम से तैयार करने के लिए इन्हें बरसात के मौसम से पहले फरवरी के मध्य से मार्च के अंत तक उगाया जाता है।

जामुन के पौधे का उपयोग कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। जामुन के पेड़ के सभी भाग उपयोगी होते हैं। जामुन के पेड़ के पत्ते, फल, गुठली या बीज, तना, छाल और टहनियाँ सभी उपयोगी होते हैं और इन सभी का उपयोग आयुर्वेदिक रूप से किया जाता है। जामुन का पौधा 5 से 6 साल में फल देना शुरू कर देता है।

जामुन में छोटे-छोटे सफेद फूल आते हैं। ये फूल गुच्छों में दिखाई देते हैं। जामुन के फल गुच्छों में उगते हैं। जामुन के फल प्रारम्भिक अवस्था में हरे रंग के होते हैं। जामुन के फल पकने के बाद बैंगनी और काले रंग के हो जाते हैं। यह फल रसदार और गूदेदार होता है। जामुन के फल का स्वाद मीठा और खट्टा दोनों होता है। गर्मी के मौसम में पौधों को सप्ताह में दो या तीन बार पानी देना चाहिए और सर्दी के मौसम में 15 दिनों के अंतराल पर पानी देना पर्याप्त है। इसके पौधों को शुरुआत में सर्दी के पाले से दूर रखना चाहिए। इसके पौधे को वर्षा ऋतु में अधिक वर्षा की आवश्यकता नहीं होती है। जामुन का पेड़ पूरी तरह से विकसित होने के बाद उसे साल में केवल 5 से 7 सिंचाई की जरूरत होती है, जो ज्यादातर फल बनने के दौरान की जाती है।

जामुन का पौधा सामान्य जलवायु में आसानी से उगता है। जामुन की पत्तियों और इसकी शाखाओं के कारण यह पौधा बहुत घना रहता है। जामुन का पौधा 80 से 90 साल तक जीवित रहता है। इसके पेड़ पर सर्दी, गर्मी और बारिश का कोई खास असर नहीं होता है। सर्दी में पाला और गर्मी में लू से नुकसान हो सकता है। जामुन के पेड़ 4 से 5 साल बाद फल देने लगते हैं लेकिन लगभग 8 साल बाद पूरा फल देना शुरू कर देते हैं। पूर्ण परिपक्वता के बाद एक पौधे से 80 से 90 किलोग्राम जामुन प्राप्त किया जा सकता है, जबकि एक हेक्टेयर में 250 से अधिक पेड़ लगाए जा सकते हैं।

Hybrid plant nursery in Bikaner
SK Nursery House deals in bulk order of Jamun Tree, Java Plum in Rajasthan, Gujarat, Haryana, Punjab, U.P and rest of India

You Need Website For Your Business - Contact Us

Start Your Business With Our Readymade Scripts

Website designe and development company India
https://www.3dpanelmethod.com/faq.html
winwin4d
paito sgp
cartel4d
3milyartoto
live draw hk