best price of grafted thar shobha khejri in Rajasthan

Shami Plant (Shami Patra, Khejri)

$100.00

SK नर्सरी हाउस में उच्च क़्वालिटी के शमी के पौधे तैयार किये जाते है। शमी का पौधा भारतीय संस्कृति और परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, यह धार्मिक, औषधीय और सजावटी गुणों के लिए पहचाना जाता है। शमी के पौधे का हिन्दू धर्म में खास महत्त्व हैं साथ ही इसके आयुर्वेदिक लाभ भी है। हमारे पास देशी शमी के पौधे व हाइब्रिड शमी के पौधे उपलब्ध है। हाइब्रिड शमी को गमले में लगा कर घर में, बालकोनी में, छत पर रख सकते है।

पौधा रोपण: वर्षाऋतु में करने से पौधा शीघ्रता से वृद्धि करता है।

पुष्प: मिंझर में पिले रंग के फुल लगते है।

विशेषताएं: शास्त्रों में वर्णित शमी एक पूजनीय पौधा है।

Share on:

शमी वृक्ष का वनस्पति वैज्ञानिक नाम है -Prosopis cineraria है। इस वृक्ष को बहुत ही पवित्र माना जाता है। भारतीय परंपरा में दशहरा में शमी पूजन का पौराणिक महत्व रहा है और दशहरा के दिन शमी वृक्ष को घर पर लगाना अत्यन्त ही शुभ व लाभकारी बताया गया है। शमी का पौधा पवित्र होता है तथा इसकी पूजा की जाती है। दशहरा के दिन इसके दर्शन मात्र से सफलता मिलती है इसलिए शमी वृक्ष लगाने के अनेक लाभ है। इसकी महीन छोटी पत्तियां होती है जिन्हे शमी पत्र कहा जाता है। पूजा अर्चना के लिए इसके पत्ते (शमी पत्र) का खास इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा शमी की लकड़ी का इस्तेमाल हवन आदि करने में किया जाता हैं।

शमी वृक्ष उत्तरी, पश्चिमी और मध्य भारत में पाया जाता है। मुख्य रूप से राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और उत्तर प्रदेश बहुतायात में पाया जाता है। जहाँ इसके नाम क्रमशः खेजड़ी, सुमरी, जांट/जांटी, छोंकरा है। यह मूलतः रेतीली व दोमट मिटटी में पाया जाने वाला वृक्ष है। अत्यधिक सर्दी व भीषण गर्मी में भी हरा रहना इसका मुख्य गुण है। शमी का पेड़ मध्यम आकर का होता है। इसकी लंम्बाई 9-18 मीटर तक होती है। इसके वृक्ष की शाखाओं पर छोटे-छोटे कांटे होते हैं। इसकी शाखाएं पतली, झुकी हुई और भूरे रंग की होती हैं। इसकी छाल भूरे रंग की तथा खुरदरी होती है।अपनी शुद्धता, शुभता और सकारात्मक एनर्जी के लिए जाना जाने वाले इस शमी वृक्ष का धार्मिक रूप से बहुत महत्व होता है।

मान्यता है कि यदि घर पर शमी का वृक्ष लगाया जाए तो इससे देवी-देवताओं की कृपा हमेशा बनी रहती है और घर सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य से संपन्न रहता है। इस पेड़ को घर के इशान कोण (उत्तर दिशा) पर लगाना शुभ माना जाता है। इस पेड़ के घर में रोपण और पूजन से सकारत्मक उर्जा आती हैं और शनि दोष दूर होता हैं। शमी के वृक्ष पर हरे रंग के फूल लगते है जो बाद में पिले रंग में बदल जाते है। इस वृक्ष में फल लगते है जिन्हे फलियाँ या सांगरी कहते है। इसकी फलियाँ पतली लम्बी होती है। शमी के बीज इसकी सुखी हुई फलियों से निकता है। जिनसे शमी के पौधे उगाये जा सकते है। शमी के पौधे नर्सरी से भी प्राप्त किये जा सकते है।

शमी का पौधा पवित्र होता है तथा इसकी पूजा की है। इसके दर्शन मात्र से सफलता मिलती है इसलिए शमी लगाने के अनेक लाभ है। शमी का ओषधिया उपयोग भी होता है। शमी वृक्ष एक ऐसा अनोखा पेड़ है जो सभी दुखों व कष्टों निवारण कर समृद्धि देता है। शास्त्रों में उल्लेख मिलता है की लंका पर आक्रमण करने से पहले भगवान श्री राम ने विजय के लिए शमी वृक्ष की पूजा-अर्चना की थी। पांडवों ने अज्ञातवास के समय अपने अस्त्र-शस्त्र इसी वृक्ष में छुपाए थे और वापस आने पर सुरक्षित मिले थे। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शमी वृक्ष की पूजा की जाती है, जिससे भगवान बहुत ही खुश होते है और भक्तों की मनोकामनाएं जल्द ही पूर्ण करते है।

आप इसकी सुंदरता, इसके स्वास्थ्य लाभ या इसके आध्यात्मिक और आर्थिक महत्व के लिए इसे उगा चाहते है तो SK Nursery House में देसी शमी व हाइब्रिड शमी का व्यवसायिक उत्पादन होता है यहाँ से शमी के पौधे उचित दर पर थोक में प्राप्त किये जा सकते है। शमी का पौधा घर के लिए, किसी भी बगीचे या परिदृश्य के लिए एक बढ़िया चुनाव है।

Hybrid shami plant nursery in Rajasthan
SK Nursery House mainly deals in bulk order of Shami Plant in All over India

You Need Website For Your Business - Contact Us

Start Your Business With Our Readymade Scripts

Website designe and development company India
https://www.3dpanelmethod.com/faq.html
winwin4d
paito sgp
cartel4d
3milyartoto
live draw hk